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मैं मर्द हूंँ मैं रोता नहीं हूँ जब चिथड़े हो जाते हैं मेरे अरमानों के, मैं उन्हें सीता नहीं हूंँ मैं मर्द हूंँ मैं रोता नहीं हूंँ मैं ज़िम्मेदारी की गठरी ...